ए दिल कही और चल
सुना मन, सुनी आंखे लिये
ए मेरे दिल कही और चल !!
पुराने दरवाजे, पुराणी खिडकीया
पुराने झरोके, पुराणी हस्तीया
नये उजाले तखने ,
ए दिल कही और चल !!
धुवेमे खोई येह राहे
उमदी भरी भीड खोले ही बाहे
मुझे मेरी राह दिखाने
ए दिल कही और चल !!
खो गया हु अपनो में हि कही
परछाइयोमे धुंधली परछाइ मेरी
अपनी परछाइ कि तलाश मे
ए दिल कही और चल !!
पुराने किस्से, पुरानी बाते
नई उम्मिदे, नई चाहते
उम्मिदोकी इस दोहराहत से बहर लेकर
ए दिल कही और चल
तू ना जाने रुका है कही
हथेलियोमे जखडी हथेलि मेरी
तोडके ये सारे बंधन यही
ए दिल कही और चल !!
खुदमे समाने कि कोशिश ये मेरी
हवा मे मुस्कुराती बालो कि उलझन ये कही
चंदा कि चांदणी लिये, धुंधली शाम लिये
ए दिल कही और चल !!
ए दिल कही और चल !!
- सागर
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